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कोरल रीफ अत्यधिक विविध पारिस्थितिक तंत्र हैं जो पूरे उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मानव आबादी के कल्याण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।



किसी भी रीफ को 'बैरियर रीफ कहा जाता है क्योंकि यह खुले समुद्र से किनारे के उथले पानी की रक्षा करती है।

यह सुरक्षा कई प्रकार के समुद्री जीवों-समुद्री पौधों और जानवरों के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक होती है।

कोरल रीफ सिर्फ एक जगह या 'चीज' नहीं है। एक स्थान पर रहने और पनपने वाले अनेक जीवों के यह मछली और अन्य समुद्री जीवों की विभिन्न प्रजातियों के लिए अंडे देने और शिकारियों को खाड़ी में रखने के लिए एक संरक्षित वातावरण है।

चट्टानें वहां बढ़ती हैं जहां मजबूत तरंग पैटर्न और धाराएं होती हैं। मजबूत धाराएं और तरंगें उस पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अधिक भोजन प्रदान करती हैं जो रीफ संरचना बनाता है।

कोरल रीफ सिर्फ एक जगह या 'चीज' नहीं है। यह एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें सैकड़ों समुद्री प्रजातियाँ साथ रहती हैं। कोरल रीफ मछलियों और अन्य समुद्री जीवों के लिए प्रजनन, संरक्षण और भोजन के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करता है।

यह चट्टानी संरचनाएँ मुख्य रूप से कोरल पॉलीप्स द्वारा निर्मित होती हैं, जो धीरे-धीरे कैल्शियम कार्बोनेट जमा करके विशाल रीफ्स का निर्माण करते हैं। ये पॉलीप्स जीवित जीव होते हैं जो अपने वातावरण पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं।

कोरल रीफ्स सामान्यतः उन स्थानों पर पाए जाते हैं जहाँ पानी गर्म, साफ़, उथला और सूर्य के प्रकाश से भरपूर होता है। इन सभी शर्तों के पूरा होने पर ही कोरल जीवित रह सकते हैं और विकसित हो सकते हैं।

चट्टानें आमतौर पर वहां अधिक विकसित होती हैं जहाँ मजबूत लहरें और समुद्री धाराएँ होती हैं। ये धाराएँ न केवल पानी को ऑक्सीजनयुक्त बनाती हैं, बल्कि रीफ के जीवों के लिए पोषक तत्व और प्लवक भी लाती हैं।

कोरल रीफ न केवल जैव विविधता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, बल्कि वे तटीय क्षेत्रों को कटाव से भी बचाते हैं, पर्यटन को बढ़ावा देते हैं और स्थानीय समुदायों को जीविका का स्रोत प्रदान करते हैं।

अन्य जानकारी:

कोरल रीफ का पारिस्थितिक महत्व

कोरल रीफ्स समुद्री जीवन के लिए "नर्सरी" के रूप में कार्य करते हैं। वे मछलियों, केकड़ों, समुद्री घोंघों, और कई अन्य जीवों के प्रजनन स्थल होते हैं। इनकी विविधता और जटिल संरचना पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता बनाए रखने में सहायक होती है।

इसके अलावा, कोरल रीफ्स समुद्र की निचली श्रृंखला में पोषक तत्वों के प्रवाह को संतुलित करते हैं और जैव विविधता को बनाए रखते हैं।

लहरों और धाराओं की भूमिका

जहाँ पानी की धाराएं तेज होती हैं, वहाँ भोजन की उपलब्धता भी अधिक होती है। यह कोरल पॉलीप्स के लिए अनुकूल स्थिति बनाती है क्योंकि वे प्रवाहित जल से प्लवक और सूक्ष्म जीवों को फ़िल्टर करके अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

तेज धाराएं और लहरें ऑक्सीजन की आपूर्ति भी सुनिश्चित करती हैं और तापमान को संतुलित बनाए रखने में मदद करती हैं, जो कोरल के लिए आवश्यक है।

जलवायु परिवर्तन और कोरल पर प्रभाव

वायुमंडलीय तापमान और समुद्र के तापमान में वृद्धि से कोरल ब्लीचिंग होती है, जिसमें कोरल अपने सहजीवी शैवाल को निकाल देता है और सफेद हो जाता है। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो कोरल मर सकता है।

तेज अम्लीकरण, प्रदूषण, और अनियंत्रित मछली पकड़ने जैसी मानवीय गतिविधियाँ भी कोरल रीफ्स के अस्तित्व के लिए खतरा हैं।

मानव उपयोग और लाभ

कोरल रीफ पर्यटन का प्रमुख केंद्र होते हैं — स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग और समुद्री भ्रमण जैसी गतिविधियाँ आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं।

इसके अलावा, कोरल रीफ्स तटीय रक्षा प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं, जो समुद्री तूफानों और लहरों से तटों की रक्षा करते हैं।

संरक्षण की आवश्यकता

कोरल रीफ्स के संरक्षण के लिए हमें प्रदूषण कम करने, टिकाऊ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और समुद्री संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की आवश्यकता है।

स्थानीय समुदायों, सरकारों और वैश्विक संगठनों को मिलकर इन महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए, ताकि समुद्री जीवन और मानव जाति दोनों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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