पेड़ काटने पर ₹4.5 करोड़ का जुर्माना
ताजमहल के पास पेड़ काटने पर ₹4.5 करोड़ का जुर्माना – सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय में शिव शंकर नाम के व्यक्ति पर ₹4.5 करोड़ का भारी भरकम जुर्माना लगाया। वजह? उन्होंने ताजमहल के पास स्थित ईको-सेंसिटिव एरिया में 454 पेड़ काट दिए। एक पेड़ पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया।
यह इलाका ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) के तहत आता है, जो कि 10,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और ताजमहल की सुंदरता और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि इन पेड़ों को दोबारा बड़ा होने में 80 से 100 साल लग जाएंगे। कोर्ट ने कहा, “एक बड़ा पेड़ काटना, एक इंसान की ज़िंदगी खत्म करने के बराबर है।”
इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी को 980 पेड़ लगाने का आदेश दिया, जो कि काटे गए पेड़ों से 20 गुना ज्यादा हैं। यह निर्णय 25 मार्च 2025 को आया और इसे पर्यावरण सुरक्षा के इतिहास का एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) क्यों जरूरी है?
- ताजमहल की सफेद संगमरमर को प्रदूषण से बचाता है
- पर्यावरण और वायु गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है
- पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए साफ हवा का स्रोत
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निष्कर्ष
यह फैसला केवल एक जुर्माना नहीं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एक सख्त चेतावनी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पेड़ों को कटना इंसान और प्रकृति दोनों के लिए हानिकारक है। हमें इस फैसले से सीख लेनी चाहिए और पर्यावरण की रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।