क्या फास्टैग सिस्टम बंद होने वाला है?
GPS Toll Tax System क्या है? जानिए कैसे काम करता है यह नया टोल सिस्टम
क्या फास्टैग सिस्टम बंद होने वाला है?
पिछले दो सालों से यह चर्चा में है कि भारतीय सरकार जल्द ही फास्टैग टोल सिस्टम को बंद करने जा रही है और इसके बदले एक नया GPS आधारित टोल टैक्स सिस्टम लाया जाएगा। इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य हाईवे पर ट्रैफिक को कम करना और टोल प्लाजा हटाना है।
GPS Toll Tax System क्या है?
GPS Toll Tax System एक ऐसा सिस्टम है जिसमें किसी भी वाहन की लोकेशन को सैटेलाइट के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा। जैसे ही गाड़ी टोल रोड पर एंटर करेगी, सिस्टम लोकेशन के आधार पर ट्रैवेल की गई दूरी को मापेगा और उसके अनुसार टोल अमाउंट सीधे बैंक या वॉलेट से काट लिया जाएगा।
कैसे काम करता है GPS Toll Tax System?
1. OBU डिवाइस की भूमिका
हर गाड़ी में एक On-Board Unit (OBU) डिवाइस लगाई जाएगी, जो GNSS (Global Navigation Satellite System) पर आधारित होगी। यह डिवाइस गाड़ी की सटीक लोकेशन को ट्रैक करेगी।
2. रीयल टाइम ट्रैकिंग और डेटा ट्रांसमिशन
जैसे ही वाहन टोल रोड पर एंटर करेगा, OBU बैकएंड सर्वर को हर 1-2 मिनट में गाड़ी की लोकेशन भेजेगा। इससे सिस्टम यह पता कर लेगा कि कितनी दूरी टोल रोड पर तय की गई है।
3. टोल कैलकुलेशन
उदाहरण के लिए, अगर कोई ट्रक ड्राइवर दिल्ली से जयपुर तक 260 किमी ट्रैवेल करता है और प्रति किमी टोल ₹2 है, तो टोल ₹520 बनता है। यह राशि सीधे ड्राइवर के बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से काट ली जाती है।
4. नोटिफिकेशन सिस्टम
जैसे ही टोल डिडक्ट होता है, वाहन चालक के मोबाइल पर SMS या ऐप नोटिफिकेशन के जरिए सूचना मिल जाती है कि कितना टोल काटा गया है।
GPS Toll System के फायदे
टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी
समय और फ्यूल दोनों की बचत
पूरे सिस्टम में पारदर्शिता
ट्रैफिक में कमी
GPS Toll System के नुकसान और प्राइवेसी इशू
इस सिस्टम के साथ सबसे बड़ा सवाल प्राइवेसी का है। सरकार को हर समय यह जानकारी होगी कि आपकी गाड़ी कहां है, कब है और किस रास्ते पर जा रही है। इससे व्यक्तिगत गोपनीयता का हनन हो सकता है और कई लोग इसी कारण इस सिस्टम का विरोध कर रहे हैं।
निष्कर्ष
हालांकि यह सिस्टम तकनीकी रूप से एडवांस है और भविष्य के लिहाज़ से बेहतर भी, लेकिन इसे लागू करने में समय लगेगा। जब तक यह पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक फास्टैग सिस्टम जारी रहेगा।