पिज़्ज़ा: गरीबों के खाने से बना अमीरों की पसंद
आज जब भी हम पिज़्ज़ा का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में एक विदेशी और महंगे फास्ट फूड की छवि उभरती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिज़्ज़ा कभी गरीबों का खाना हुआ करता था?
शुरुआत हुई इटली से...
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History of pizza |
पिज़्ज़ा की कहानी इटली के लोअर क्लास यानी गरीब तबके से शुरू होती है। पुराने समय में इटली के गरीब लोग रोज़ इतना नहीं कमा पाते थे कि बढ़िया खाना खा सकें। ऐसे में वे मैदे का एक बेस तैयार करते थे और उसमें बची हुई सब्जियां, टोमेटो सॉस जैसी चीजें डालकर बेक कर लेते थे। यही खाना पूरी फैमिली का पेट भरने का जरिया बन जाता था।
धीरे-धीरे यह आदत इटली के लोअर क्लास समाज में आम हो गई और पिज़्ज़ा वहां का रोज़ का खाना बन गया।
एक दिन सब बदल गया…
इटली की क्वीन “मार्गेटा” एक दिन अपने देश के भ्रमण पर निकलीं। उन्होंने अपने असिस्टेंट्स से कहा कि उन्हें अपने देश की सबसे साधारण चीज खानी है — वही खाना जो आम गरीब लोग खाते हैं।
असिस्टेंट्स ने उन्हें पिज़्ज़ा लाकर दिया।
जैसे ही रानी ने पिज़्ज़ा चखा, वह उसका स्वाद भूल नहीं पाईं। उन्हें यह इतना पसंद आया कि इसके बाद पिज़्ज़ा ने गरीबों की थाली से निकलकर अमीरों की पार्टी में जगह बना ली।
🤯 रोचक तथ्य (Interesting Fact)
> 🍕 "पिज़्ज़ा मार्गेरिटा" का नाम उसी रानी के नाम पर पड़ा था — क्वीन मार्गेटा!
उन्होंने जो पिज़्ज़ा खाया था उसमें टमाटर, मोज़ेरेला चीज़ और तुलसी (Basil) था — जो इटली के झंडे के रंगों (लाल, सफेद और हरा) को दर्शाता है।
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