Mobile phone ke dushprabhav par kavita| a poem on smartphone addiction

 मोबाईल के दुरुपयोग पर हिंदी कविता :

दोस्तो मोबाईल फोन के दुष्प्रभाव के ऊपर एक कविता इस प्रकार है:




यह मोबाइल यूं ही हट्टा-कट्टा नहीं हुआ है,
इसने बहुत कुछ खाया, पिया है।
हाथ की घड़ी, चिट्ठी, पत्रियाँ खा गया,
रेडियो, टेप, कैमरा सब निगल गया।

टॉर्च, लाइटें, किताबें भी खा गया,
सैकड़ों मील, तनहाइयाँ भी पी गया।
पड़ोस की दोस्ती, मेल-मिलाप की राह,
समय, लोग, और रिश्ते भी खा गया।

पैसे, तंदुरुस्ती, यह सब निगल रहा,
रोगी बना रहा, मगर फिर भी बढ़ रहा।
यह मोबाइल यूं ही हट्टा-कट्टा नहीं हुआ है,
इसने बहुत कुछ खाया, पिया है।

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लोगो के प्रश्न:


मोबाईल के बारे में हिंदी कविता
मोबाईल के बारे में चार लाइन 
मोबाईल फोन के दुरुपयोग या दुष्प्रभाव पर एक कविता 

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