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कहानी: "अधूरी किताब" hindi stories by books2vyapam

कहानी: "अधूरी किताब" 

अध्याय 1: एक पुरानी दुकान

विक्रम एक युवा लेखक था जो नई कहानियों की तलाश में अक्सर पुरानी किताबों की दुकानों में जाया करता। एक दिन उसे चांदनी चौक की एक तंग गली में एक बेहद पुरानी किताबों की दुकान दिखाई दी। दुकान के बाहर एक बोर्ड लटका था – “वक़्त की धूल में दबी कहानियाँ”।

Ek adhuri kitaab story 


जैसे ही वह दुकान के अंदर गया, वहां किताबों का पहाड़ था — कुछ धूल से ढकीं, कुछ फटी हुईं, और कुछ बहुत ही अनोखी जिल्द वाली। तभी उसकी नजर एक पुरानी सी, चमड़े की जिल्द वाली किताब पर पड़ी जिसमें कोई नाम नहीं था। किताब में बस इतना लिखा था:

"जिसने इसे पूरा पढ़ लिया, वह अपने अतीत को बदल सकता है।"

अध्याय 2: रहस्यमयी शुरुआत

विक्रम ने किताब को खोलकर पढ़ना शुरू किया। हर पन्ना जैसे किसी दूसरे समय की कहानी कह रहा था – एक लड़की जिसका नाम था रूहानी, जो 1947 के बंटवारे के समय अपने परिवार से बिछड़ गई थी।

हर अध्याय एक शहर, एक चेहरा और एक दर्द को उजागर करता था। लेकिन जैसे-जैसे विक्रम पढ़ता गया, उसे महसूस होने लगा कि इन कहानियों से उसका कोई गहरा रिश्ता है।

अध्याय 3: परछाइयों का सामना

एक रात, किताब पढ़ते समय अचानक बिजली चली गई। मोमबत्ती की हल्की रोशनी में विक्रम ने एक पेज पलटा और सामने लिखा था —

"विक्रम, तुम्हारा सच इस किताब के आख़िरी पन्नों में छुपा है।"

अब वह डर गया। किताब उसका नाम कैसे जानती थी? उसने किताब बंद करने की कोशिश की लेकिन पन्ने पलटते ही रहे, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उसे पढ़ने के लिए मजबूर कर रही थी।

अध्याय 4: एक नया सच

अंत में, उसने आख़िरी अध्याय पढ़ा। उसमें बताया गया था कि रूहानी दरअसल उसकी दादी थीं, जिनका परिवार से बिछड़ने के बाद कोई पता नहीं चला था। किताब में एक नक्शा भी था — एक पुराने घर का।

विक्रम उसी रात उस जगह गया और वहाँ उसे एक लोहे का संदूक मिला, जिसमें उसकी दादी की डायरी, कुछ फोटो और एक चिट्ठी थी जिसमें लिखा था:

"जिसने यह पढ़ा, वह मेरी कहानी को दुनिया तक पहुँचाए।"

अध्याय 5: अधूरी कहानी पूरी हुई

विक्रम ने वो सारी जानकारी लेकर एक नई किताब लिखी — "रूहानी: बंटवारे की एक अधूरी प्रेम कहानी"। यह किताब देशभर में बेस्टसेलर बनी।

उसके बाद विक्रम को न सिर्फ पहचान मिली, बल्कि उसने अपने अतीत को भी जान लिया, अपने परिवार को भी और उस अधूरी कहानी को दुनिया तक पहुँचाकर उसे पूरा कर दिया।

कहानी से सीख:

कभी-कभी हमें अपनी पहचान दूसरों की कहानियों में मिलती है। एक अधूरी किताब भी ज़िंदगी का रास्ता बदल सकती है।

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