बहुत जलोकिया मिर्च|| भूत जलोकियां और Bhot Jalokiya chili Ghost pepper kya hai
भूत जोलोकिया, जिसे घोस्ट पेपर के नाम से भी जाना जाता है, भारत की एक विश्वप्रसिद्ध तीखी मिर्च है। इस लेख में आप इसके नाम, तीव्रता, रंग, उपयोग, और हाल की चुनौतियों की जानकारी पाएंगे। नीचे दिए गए अनुभागों को क्लिक कर विस्तृत जानकारी पढ़ें। 2007 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसे दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के रूप में मान्यता दी थी। यह टैब्सको सॉस से लगभग 170 गुना ज्यादा तीखी है। इसकी तीव्रता को स्कोविल हीट यूनिट (SHU) से मापा जाता है और भूत मिर्च में यह संख्या 1 मिलियन से अधिक होती है, जो सामान्य कैयेन मिर्च से कई गुना ज्यादा है। हालांकि तीखी मिर्च की होड़ में इसे बाद में अन्य किस्मों ने पीछे छोड़ दिया, जैसे: 2011 में: त्रिनिदाद स्कॉर्पियन बुच टी 2013 में: कैरोलिना रीपर 2023 में: पेपर एक्स
भूत मिर्च, जिसे भूत जोलोकिया के नाम से भी जाना जाता है, पूर्वोत्तर भारत में उगाई जाने वाली एक अंतरजातीय संकर मिर्च है। यह दो प्रजातियों – कैप्सिकम चिनेंसिस और कैप्सिकम फ्रूटसेंस – का संकर है।
नाम की उत्पत्ति और अर्थ
'भूत जोलोकिया' नाम असमिया भाषा से लिया गया है, जहां 'भूत' का अर्थ 'ghost' और 'जोलोकिया' का अर्थ 'pepper' होता है। यह नाम इसकी तीव्र जलन और धीरे-धीरे बढ़ने वाली तीव्रता के कारण पड़ा, जो एक भूतिया एहसास दिलाती है।
तीव्रता और स्कोविल स्केल
2007 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भूत जोलोकिया को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च घोषित किया था, जिसकी स्कोविल हीट यूनिट (SHU) 1,001,304 थी। हालांकि, बाद में कैरोलिना रीपर और पेपर एक्स जैसी मिर्चों ने इसे पीछे छोड़ दिया। स्कोविल रेटिंग भारत की रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (DRL) ने वर्ष 2000 में इसकी स्कोविल रेटिंग 855,000 SHU बताई थी। 2004 में HPLC विश्लेषण के आधार पर इसकी रेटिंग 1,041,427 SHU पाई गई। तुलना के लिए: टैब्सको सॉस की स्कोविल रेटिंग: 2,500 - 5,000 SHU शुद्ध कैप्साइसिन की रेटिंग: 16,000,000 SHU 2005 में न्यू मैक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी के चिली पेपर इंस्टीट्यूट ने अमेरिका में उगाई गई भूत मिर्च की रेटिंग 1,001,304 SHU पाई। भूत मिर्च की खासियत यह है कि यह केवल बीज के पास ही नहीं, बल्कि पूरे फल में कैप्साइसिन का उत्पादन करती है, जो इसे तीव्र बनाता है।
रंग और आकार
भूत जोलोकिया के फल सामान्यतः लाल रंग के होते हैं, लेकिन यह पीले, नारंगी, चॉकलेट और बैंगनी रंगों में भी पाए जाते हैं। इसका आकार लगभग 2.5 से 3.3 इंच लंबा होता है। पकी हुई भूत मिर्च की लंबाई लगभग 60 से 85 मिमी (2.4 से 3.3 इंच) और चौड़ाई 25 से 30 मिमी (1.0 से 1.2 इंच) होती है। इसका रंग लाल, पीला, नारंगी या चॉकलेट हो सकता है। भारत में उगाई जाने वाली भूत मिर्च का चयन न किया गया प्रकार अत्यंत विविधता लिए होता है – फल के आकार और उत्पादन क्षमता में भिन्नता होती है। इसकी फली की बनावट विशिष्ट होती है – पतली त्वचा और विशेष आकृति। लाल रंग की भूत मिर्च में दो प्रमुख प्रकार होते हैं: 1. खुरदुरे, दांतेदार फल 2. चिकने फल
उपयोग और सांस्कृतिक महत्व
असम और नागालैंड में भूत जोलोकिया का प्रयोग पारंपरिक व्यंजनों, चटनी और अचार में किया जाता है। इसकी तीव्रता के कारण इसका उपयोग 'चिली ग्रेनेड' में भी किया गया है, जो भीड़ नियंत्रण में सहायक होता है।
हाल की चुनौतियाँ
हाल के वर्षों में असम में इसकी तीव्रता में कमी देखी गई है। इसका मुख्य कारण अत्यधिक उर्वरकों का उपयोग और बड़े पैमाने पर उत्पादन है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित हुई है और कैप्साइसिन की मात्रा घट गई है।
अन्य नाम
भूत जोलोकिया न केवल अपनी तीव्रता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारतीय व्यंजनों और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह मिर्च विश्वभर में भारतीय स्वाद और विविधता की पहचान बन चुकी है। असमिया भाषा में “भूत जोलोकिया” का शाब्दिक अर्थ है “भूटानी मिर्च”। यहाँ “भूत” का अर्थ “भूटानी” है, लेकिन इसे आमतौर पर “भूत” (spirit) समझ लिया जाता है, जिससे इसका नाम भूत मिर्च प्रसिद्ध हो गया। असम में इसे बिह जोलोकिया भी कहते हैं – "बिह" का अर्थ होता है “ज़हर” और "जोलोकिया" का अर्थ है “मिर्च”, जो इसकी तीव्रता को दर्शाता है। नागालैंड में इसे राजा मिर्च कहा जाता है, जिसे रोमन रूप में नोगा जोलोकिया और भूत जोलोकिया भी कहा जाता है। यह नाम असम, नागालैंड और मणिपुर जैसे राज्यों में प्रचलित हैं। तेजपुर (असम) में इसे तेजपुर मिर्च भी कहा जाता है। मणिपुर में इसे उमोरोक के नाम से जाना जाता है। अन्य सामान्य नामों में शामिल हैं: किंग चिली किंग कोबरा चिली सागा जोलोकिया इंडियन मिस्ट्री चिली