भारत में हर राज्य में शराब की कीमतें अलग क्यों होती हैं?
भारत में अलग-अलग राज्यों में शराब की कीमतें बहुत भिन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, रॉयल स्टैग की 750ml बोतल दिल्ली में ₹450 की मिलती है, लखनऊ में ₹680 की और चेन्नई में ₹140 की। यह अंतर भारत के टैक्स सिस्टम की वजह से है।
शराब को GST से बाहर क्यों रखा गया?
सरकार ने जानबूझकर शराब को GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) से बाहर रखा है। इसके बजाय, शराब पर एक्साइज ड्यूटी और वैट (VAT) लगाया जाता है।
अल्कोहल एक स्टेट सब्जेक्ट क्यों है?
भारतीय संविधान के अनुसार, शराब एक स्टेट सब्जेक्ट है। इसका मतलब है कि शराब के प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और टैक्सेशन पर पूरा नियंत्रण राज्य सरकारों का होता है।
राज्य सरकारें टैक्स कैसे तय करती हैं?
हर राज्य सरकार अपनी ज़रूरतों और नीतियों के अनुसार एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाती है। जैसे:
- गोवा में एक्साइज ड्यूटी: 150% से 200%, वैट: 15%
- तेलंगाना में एक्साइज ड्यूटी: 175% से 200%, वैट: 25%
सरकार का उद्देश्य और वास्तविकता
सरकार का दावा है कि हाई टैक्स शराब की खपत को कम करने के लिए है, लेकिन वास्तविकता यह है कि शराब की बिक्री राज्य सरकारों के लिए तीसरा सबसे बड़ा टैक्स रेवेन्यू सोर्स है।
अलग-अलग टैक्स रेट्स की समस्याएँ
इन विभिन्न टैक्स रेट्स के कारण कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे:
- ब्लैक मार्केटिंग
- इलीगल ट्रांसपोर्टेशन
- सप्लाई चेन की जटिलता
0 Comments