Mega Amravati project ( अमरावती प्रोजेक्ट क्या है)
आंध्र प्रदेश का 65,000 करोड़ रुपये का मेगा अमरावती प्रोजेक्ट एक बार फिर से शुरू हो गया है। 2014 में जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अलग हुए, तब हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बन गया। ऐसे में आंध्र प्रदेश को एक नई राजधानी की जरूरत थी। केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाई और फिर आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की कि नई राजधानी विजयवाड़ा के पास बनेगी। अक्टूबर 2015 में अमरावती को आधिकारिक राजधानी के रूप में चुना गया। इसके बाद सरकार ने किसानों से जमीन लेने के लिए एक विशेष योजना बनाई, जिसमें किसानों ने डेवलपमेंट प्लॉट्स और पैसों के बदले अपनी ज़मीन देने की सहमति दी। इस योजना के तहत 33,000 एकड़ भूमि प्राप्त हुई। लेकिन 2019 में जब वाई एस जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने तीन अलग-अलग राजधानियों का विचार प्रस्तुत किया। इसके विरोध में किसानों ने विरोध-प्रदर्शन, भूख हड़तालें कीं और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया। 2022 में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अमरावती ही आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी। 2024 में चंद्रबाबू नायडू फिर से मुख्यमंत्री बने और अमरावती प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू किया। 2 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया।
नीचे दिए गए सेक्शन को खोलकर विस्तार से पढ़ें:
आंध्र प्रदेश का 65,000 करोड़ का अमरावती प्रोजेक्ट
आंध्र प्रदेश का 65,000 करोड़ का मेगा अमरावती प्रोजेक्ट एक बार फिर से शुरू हो गया है।
2014 में जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अलग हुए तब हैदराबाद तेलंगाना की कैपिटल बन गया।
इसीलिए आंध्र प्रदेश को एक नई कैपिटल चाहिए थी। सेंट्रल गवर्नमेंट ने कमेटी बनाई और फिर सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अनाउंस किया कि नई कैपिटल विजयवाड़ा के पास बनेगी।
अक्टूबर 2015 में अमरावती को ऑफिशियल कैपिटल चुना गया।
इसके बाद सरकार ने लैंड एक्वायर करने के लिए एक स्पेशल स्कीम बनाई जिसमें किसान डेवलप प्लॉट्स और पैसों के बदले अपनी जमीन देने को तैयार हो गए।
इसे 33,000 एकड़ की जमीन मिल भी गई।
लेकिन 2019 में जब वाई एस जगन मोहन रेड्डी सीएम बने, उन्होंने तीन अलग-अलग कैपिटल्स का आईडिया दिया।
इसके खिलाफ किसानों ने प्रोटेस्ट किए, हंगर स्ट्राइक्स की और कुछ लोग अरेस्ट भी हुए।
2022 में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अमरावती ही अकेली कैपिटल होगी।
2024 में चंद्रबाबू नायडू दोबारा से सीएम बने और अमरावती प्रोजेक्ट को फिर से स्टार्ट किया।
2 मई 2025 को पीएम मोदी ने इसका फाउंडेशन स्टोन रखा।
ऐसे और करंट अफेयर्स पढ़ते रहें।
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